Rumored Buzz on Shodashi
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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं
कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं
चक्रेशी च पुराम्बिका विजयते यत्र त्रिकोणे मुदा
She's commemorated by all gods, goddesses, and saints. In a few spots, she is depicted sporting a tiger’s pores and skin, by using a serpent wrapped about her neck along with a trident in a single of her hands while the opposite holds a drum.
ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥
The Mantra, Conversely, is actually a sonic illustration of the Goddess, encapsulating her essence by means of sacred syllables. Reciting her Mantra is believed to invoke her divine presence and bestow blessings.
She could be the possessor of all fantastic and amazing factors, like physical goods, for she teaches us to possess without remaining possessed. It is claimed that stunning jewels lie at her ft which fell from the crowns of Brahma and Vishnu whenever they bow in reverence to her.
This Sadhna evokes countless rewards for all round financial prosperity and stability. Expansion of organization, name and fame, blesses with extensive and prosperous married everyday living (Shodashi Mahavidya). The outcome are realised immediately once the accomplishment in the Sadhna.
लक्ष्या या चक्रराजे नवपुरलसिते योगिनीवृन्दगुप्ते
अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।
संकष्टहर या संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि – sankashti ganesh chaturthi
तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व more info स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।